Monday 19 July 2010

आटा पीसने की चक्की है (घट्ट)


ये धरोहर अब लुप्त होती जा रही हैं ..... ये पानी द्वारा चलने वाली आटा पीसने की चक्की है (घट्ट)४ -६ गाँव में १-२ घट्ट होते ही थे ...पर न अब पानी के नाले (गधेरे) रहे और न घट्ट .... रात रात भर घट्ट में रहना पड़ता था अपनी बरी आने के लिए दादी कहती थीं क्यों की दिन में तो काम होता था बहुत बस वहीँ पे खाना लेके जाओ खाओ और वही पर चादर बीचा के सो जाओ
पहले diesel engine की चक्की आई और अब बिजली की धीरे धीरे खेती से कुछ ना होने के कारन उनकी जरूरत भी ख़त्म होती जा रही है बस अब दुकान से ही सीधे आता चावल लाओ पकाओ और खाओ.......

1 comment:

  1. क्या बात चा धर्म भाई आप ने तो मेरा दिल खुश कार दिया इस पोटो को देख कर पहले हम भी इसे ही जाते थे घट में गेहू ले कर

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