Friday 27 May 2011

फोजी दीदा ....

जुकड़ी माँ आज मेरु
उक्ल्याट होणु छा ..
छोटू भुला फोजी मेरु
घर आणू छा ..
अजी दारू की कुछ
बोतल ही नी भाई
पूरी पेट्टी लाणू छा ..
पठोली की खोह्ज व्हेगी
खन्तु दीदा यख ..
रैबार पोचण लगेन
धारू-धारु बाटीन
एक बोतल मितें धरी दे
धरमु दीदा बस
६ गति बैसाख बाखरी
मानु कु दिन व्हेगे
अर माल्डा का थोल माँ पि
तें जाणों कु तय व्हेगे ..
अर माल्डा का थोल माँ पि
तें जाणों कु तय व्हेगे .....